एक पुराना घर …
- September 12, 2025
- by
- Chubby Little Girl
मैं जहाँ से किराने का सामान ख़रीदती हूँ , उसके पास एक पुरानी सी ईमारत है, जो कुछ खराब हालत में है। जब भी मैं वहाँ से खरीददारी करके बाहर निकलती हूँ , अपनी गाड़ी का इंतज़ार करते वक्त अक्सर उसी इमारत को देखते हुए सोचती हूँ कि वहाँ कौन रहता होगा, उनकी ज़िन्दगी कैसी होगी। ये कविता उन अनगिनत ख्यालों से बनी एक कहानी है।
एक पुराना घर दिखा,
टूटा फूटा खंडहर नुमा।
ईमारत तन कर खड़ी थी,
पर घर बेजान सा लगता था।
“यह कैसा घर है?” मैंने कहा,
“मरम्मत क्यों...
बाँध
- April 30, 2023
- by
- admin_chubbylittlegirl
एक बाँध, हमने बांध दिया ,
नदी पर बाँध , बांध दिया,
ज़ुबान पर चुप्पी बांध दी ,
एहसासों पे भी बांध लगा दिया ।
सारा जहान कभी अपना था ,
हमने लकीरें उसपे बांध दी,
लोग अलग होकर भी अपने थे
हमने धर्म- जाति- भाषा में बांध दिया ।
बच्चे आज़ाद कभी घूमते थे...
सब ठीक है ना ?
- March 01, 2023
- by
- admin_chubbylittlegirl
जब पूछती हूँ तुमसे ,
सब ठीक है ना ?
जताना था तुमको, कि तुम्हारी याद आ रही थी।
सब ठीक है ना?
बताना था कि तुम्हारी बहुत चिंता हो रही थी ।
सब ठीक है ना?
कहना था, कि तुमसे बात करने की इच्छा हो रही थी ।
सब...
जंग है
- January 04, 2023
- by
- admin_chubbylittlegirl
Image Couetesy : NEOSiAM 2021 , Pexels
यह कैसी जंग है ?
कभी वक़्त से , कभी हालात से,
पैसों की तंगी से , बाज़ार की मन्दी से,
बेपनाह मुहब्बत से , और रुसवाई से,
फ़रेब से , फिर दर्द से,
यह जंग ही तो है ….
कभी रिश्तों से , तो कभी नातों से,
जलते जज़्बातों...
चुड़ैल
- May 23, 2022
- by
- admin_chubbylittlegirl
एक छोटी सी चुड़ैल है मेरी,
बूढ़ी सी मगर प्यार सी,
हाथों में उसके है एक जादुई झाड़ू ,
और होंठों पर है मुस्कान भरी सी ।
मुस्कान उसकी है बड़ी भोली भाली,
जैसे छल से वो हो कोसों दूर,
आँखें उसकी गोल-मोल से,
लगते बटन से चमकीले भरपूर ।
बटन से आँखों में है कशिश गज़ब...
है तो है
- May 16, 2022
- by
- admin_chubbylittlegirl
मेरी खिड़की के बाहर एक पेड़ दिखता है,
कहते हैं यह ताड़ का पेड़ है,
मैंने इसे एक प्यारा सा नाम दे रखा है,
नाम क्यों दिया है?
अब दिया है तो है।
मैं उससे कई बातें करती हूँ,
कभी-कभी सुख-दुःख भी बांट लेती हूँ,
उसे देख कर सुकून मिलता है,
मानो वो मेरी हर बात...
क्या मोल है ?
- January 11, 2022
- by
- admin_chubbylittlegirl
दिमाग खरीद कर बता, देह का क्या मोल है?
इज़्ज़त खरीद कर बता, रुतबे का क्या मोल है?
मुहब्बत खरीद कर बता,एहसान का क्या मोल है?
इन्सानियत खरीद कर बता, शानोशौक़त का क्या मोल है?
औरों की कीमत न लगा, खुद की औकात बता, तेरा क्या मोल है?
आज कुछ लिखा जाए…
- December 25, 2021
- by
- admin_chubbylittlegirl
कागज़ है, कलम है,
कुछ शब्दों को ढूंढा जाए,
चलो,आज कुछ लिखा जाए।
कविता हो या कहानी,
बातें नयी या पुरानी,
अब यादों को ही कुरेदा जाए,
आज कुछ लिखा जाए।
थोड़ी नरमी सी, थोड़ी गरमी भी,
बस अल्फाजों की है कमी सी,
अब कैसे कुछ लिखा जाए?
चलो, एक कोशिश ही किया...
एक श्रद्धांजलि उनके नाम…
- December 09, 2021
- by
- admin_chubbylittlegirl
एक श्रद्धांजलि उनके नाम….
वो इंतज़ार जो कभी ना पूरा होगा,
वो हसरतें जो कभी पूरी ना हो सकेंगी,
वो सपने जो हमेशा सपने ही रह जाऐंगे,
वो आँसू जो बहना चाह कर भी ना बह पायेंगे,
वो बातें जो हमेशा के लिये अधूरी रह जाऐंगी,
वो पल जो यादगार तो बनेंगे पर मुक्म्मल ना...
यह आकाश…
- February 06, 2021
- by
- admin_chubbylittlegirl
जैसे हथेलियों से फिसलता हुआ रेत वैसे ही यह आकाश है,
कभी एक छोर से दूसरे छोर तक दिखता, पर अब तो सिमटता हुआ सा यह आकाश है,
इस कंक्रीट जंगल में जगह बनाती हुई यह नई ईमारत और मेरी छत से दिखता सिर्फ यही टुकड़ा आकाश है,
…..और आज जब महीनों बाद यह ईमारत लगभग...