है तो है
- May 16, 2022
- by
- admin_chubbylittlegirl
मेरी खिड़की के बाहर एक पेड़ दिखता है,
कहते हैं यह ताड़ का पेड़ है,
मैंने इसे एक प्यारा सा नाम दे रखा है,
नाम क्यों दिया है?
अब दिया है तो है।
मैं उससे कई बातें करती हूँ,
कभी-कभी सुख-दुःख भी बांट लेती हूँ,
उसे देख कर सुकून मिलता है,
मानो वो मेरी हर बात सुनता है,
सुकून कैसे मिलता है?
अब मिलता है तो है।
सुबह-सुबह उसे खिड़की के बाहर देखना अच्छा लगता है,
पर अंधेरे में उसी खिड़की से बाहर देखूँ तो डर लगता है,
डर सबको नही लगता,
मुझे तो लगता है,
अब डर लगता है तो है।
मैंने उसे बोया नही,
बोया तो किसी और ने था,
मैंने तो सिर्फ उसे पाया है,
पर ऐसा लगता है जैसे बरसों से जाना है,
ऐसे कैसे जाना है?
अब जाना है तो है।
उससे मुझे कोई छाँव नही मिलती, पर
उसका जैसे साथ मिलता है,
छाँव की कोई आशा नही है,
पर साथ है तो है।
वह सिर्फ पेड़ है, दोस्त है, या सुकून है ?
कुछ भी न होते हुए भी वो बहुत कुछ है,
कैसे इतना कुछ है?
अब वो है तो है।
6 Comments
patkard09gmailcom
16th May 2022 - 8:30 pmहै तो है ना होता तो , होना होता, वही जो पाठक सोचना चाहता है, बाकी सब बढ़िया है जी
thechubbylittlegirl
16th May 2022 - 9:08 pmबहुत बहुत धन्यवाद आपका जो आपने मेरी कविता पढ़ी और कमेंट लिखा। इसी तरह हौसला अफजा़ई करतें रहें।
Ashutosh
18th May 2022 - 2:39 pmAwesome writing….
thechubbylittlegirl
18th May 2022 - 4:32 pmThankyou Ashutosh.
Hemali
2nd Aug 2025 - 10:27 amAmazing…hai to hai…
Chubby Little Girl
11th Aug 2025 - 12:21 pmJi bilkul hai to hai. Thankyou very much Hemali.