बाँध
- April 30, 2023
- by
- admin_chubbylittlegirl
एक बाँध, हमने बांध दिया ,
नदी पर बाँध , बांध दिया,
ज़ुबान पर चुप्पी बांध दी ,
एहसासों पे भी बांध लगा दिया ।
सारा जहान कभी अपना था ,
हमने लकीरें उसपे बांध दी,
लोग अलग होकर भी अपने थे
हमने धर्म- जाति- भाषा में बांध दिया ।
बच्चे आज़ाद कभी घूमते थे ,
मशीनों ने उनको बांध लिया ,
और वो आज़ाद घूमीं जब,
डर ने उनको बांध दिया ।
इस बाँध बांध की दुनिया में जाने क्या क्या बंध गये?
कुछ मासूमीयत बंध गयीं,
कई हंसी-ठिठोले बंध गये,
कहीं आज़ादियाँ बंध गईं,
और कभी कभी कमबख़्त अपनी सासें ही बंध गयीं।